फ़रवरी 8, 2013, अध्ययन

इब्रानियों को पत्र 13: 1-8

13:1 आपमें भाईचारा परोपकार बना रहे.
13:2 और आतिथ्य सत्कार को भूलने को तैयार मत हो. इसके लिए, कुछ व्यक्ति, बिना इसका एहसास किये, स्वर्गदूतों को अतिथि के रूप में प्राप्त किया है.
13:3 जो कैदी हैं उन्हें याद करो, मानो तुम भी उनके साथ कैद हो, और जो कष्ट सहते हैं, जैसे कि आप उनकी जगह पर हों.
13:4 विवाह हर प्रकार से सम्माननीय हो, और शादी का बिस्तर बेदाग हो. क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों और व्यभिचारियों का न्याय करेगा.
13:5 अपना आचरण लोभ रहित रखें; जो आपको दिया जाए उससे संतुष्ट रहें. क्योंकि उन्होंने स्वयं कहा है, “मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा, और मैं तुम्हारी उपेक्षा नहीं करूंगा।”
13:6 तो फिर, हम विश्वासपूर्वक कह ​​सकते हैं, “प्रभु मेरा सहायक है. मैं इस बात से नहीं डरूंगा कि मनुष्य मेरे साथ क्या कर सकता है।”
13:7 अपने नेताओं को याद रखें, जिन्होंने तुम से परमेश्वर का वचन कहा है, जिनके विश्वास का तुम अनुकरण करते हो, उनके जीवन के तरीके के लक्ष्य को देखकर:
13:8 यीशु मसीह, कल और आज; यीशु मसीह हमेशा के लिए.

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