प्रेरितों के कार्य 4: 32-35
4:32 | तब विश्वासियों की भीड़ एक दिल और एक आत्मा के थे. न ही किसी ने यह कहा कि जो कुछ उसके पास है, वह उसकी अपनी है, लेकिन उनके लिए सब कुछ सामान्य था. |
4:33 | और बड़ी ताकत से, प्रेरित हमारे प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की गवाही दे रहे थे. और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था. |
4:34 | और न उनमें से कोई जरूरतमंद था. क्योंकि जितने खेत या घर के स्वामी थे, इन्हें बेचना, वे उन चीजों की आय ला रहे थे जिन्हें वे बेच रहे थे, |
4:35 | और प्रेरितों के पांवों के साम्हने रख रहे थे. फिर इसे आपस में बांटा गया, जैसा उसे चाहिए था. |
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