August 26, 2012, इंजील

जॉन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6: 60-69

6:60 He said these things when he was teaching in the synagogue at Capernaum.
6:61 इसलिए, उनके कई शिष्य, यह सुनकर, कहा: "यह कहावत कठिन है," और, "कौन इसे सुन सकता है?”
6:62 लेकिन यीशु, अपने भीतर यह जानकर कि उसके शिष्य इस बारे में कुड़कुड़ा रहे हैं, उनसे कहा: "क्या यह आपको नाराज करता है?
6:63 तब क्या हुआ यदि तुम मनुष्य के पुत्र को जहां वह पहले था, वहां ऊपर जाते हुए देखोगे?
6:64 यह आत्मा है जो जीवन देती है. मांस कुछ भी लाभ नहीं देता है. जो बातें मैं ने तुम से कहीं हैं वे आत्मा और जीवन हैं.
6:65 परन्तु तुम में से कुछ ऐसे हैं जो विश्वास नहीं करते।” क्‍योंकि यीशु पहिले ही से जानता था, कि कौन अविश्‍वासी हैं, और कौन मुझे पकड़वाएगा.
6:66 और इसलिए उसने कहा, "इस कारण से, मैंने तुमसे कहा था कि कोई भी मेरे पास आने में सक्षम नहीं है, सिवाय मेरे पिता की ओर से उसे दिए।”
6:67 इसके बा, उनके कई शिष्य वापस चले गए, और वे फिर उसके साथ न चले.
6:68 इसलिए, यीशु ने बारहों से कहा, "क्या आप भी दूर जाना चाहते हैं?”
6:69 तब शमौन पतरस ने उसे उत्तर दिया: "भगवान, हम किसके पास जाएंगे? आपके पास शाश्वत जीवन की बातें हैं.

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