1:1 |
इस्राएल के पुत्रों के नाम ये हैं, जो याकूब के साथ मिस्र को गया. उन्होंने प्रवेश किया, हर एक अपने घर के साथ: |
1:2 |
रूबेन, शिमोन, लेवि, यहूदा, |
1:3 |
इस्साकार, जबूलून, और बेंजामिन, |
1:4 |
दान और नप्ताली, गाद और आशेर. |
1:5 |
इसलिए, और याकूब की जांघ से जितने प्राणी निकले वे सब सत्तर थे. अब यूसुफ मिस्र में था. |
1:6 |
जब उनकी मृत्यु हो गई थी, उसके सभी भाइयों और उस पीढ़ी के सभी लोगों के साथ, |
1:7 |
इस्राएल के पुत्रों की वृद्धि हुई, और वे अंकुरों के समान बढ़ते गए. और अत्यधिक बलवन्त किया गया है, उन्होंने भूमि भर दी. |
1:8 |
इस दौरान, मिस्र पर एक नया राजा उठा, जो यूसुफ से अनभिज्ञ था. |
1:11 |
और इसलिथे उस ने उन को कामोंके अधिपतियोंके ऊपर ठहराया, उन्हें बोझ से पीड़ित करने के लिए. और उन्होंने फिरौन के लिथे झोंपडिय़ोंके नगरोंको बनाया: पिथोम और रामसेस. |
1:12 |
और उतना ही उन पर अत्याचार किया, वे और भी बहुत बढ़ गए और बढ़ गए. |
1:13 |
और मिस्रियों ने इस्राएल के पुत्रों से घृणा की, और उन्होंने उन्हें सताया और ठट्ठों में उड़ाया. |
1:14 |
और उन्होंने अपना जीवन सीधे कड़वाहट में व्यतीत किया, मिट्टी और ईंट में कड़ी मेहनत के साथ, और हर प्रकार की दासता के साथ, यहाँ तक कि वे भूमि के कामों से अभिभूत हो रहे थे. |
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.